Brihat Parashara
Brihat Parashara Hora Shastra ( बृहत् पाराशर होरा शास्त्रम् )
सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु ये क्रमशः 9 ग्रह होते हैं।
पाप ग्रह या क्रूर ग्रह : सूर्य, शनि, मंगल, राहु, केतु, कमजोर चन्द्रमा तथा पाप ग्रह के साथ बुध
शुभ ग्रह : गुरु, शुक्र, शक्तिशाली चन्द्रमा तथा पाप संग रहित बुध
सूर्य ( राजा ) : समस्त चराचर जगत् की आत्मा , सूर्य का रंग लाल मिश्रित साँवला अर्थात लाख के सामान , देवता – अग्नि , पुरुष
चन्द्रमा ( राजा ) : मन का प्रतिनिधि , गौर वर्ण , देवता – जल, स्त्री लिंग
मंगल ( सेनापति ) : सत्व ( पराक्रम या मनोबल ), मध्यम कद एवं लाल रंग से युक्त , कार्तिकेय, लिंग-पुरुष
बुध ( राजकुमार ) : बुध वाणी का देने वाला है, घास के सामान साँवलापन लिए हुए हरी रंगत से युक्त , देवता – विष्णु , लिंग-नपुंसक
गुरु ( मंत्री ): ज्ञान एवं सुख का प्रतिनिधि, गौर वर्ण, देवता – इन्द्र , लिंग-पुरुष
शुक्र ( मंत्री ) : वीर्य दाता एवं काम सुख का प्रतिनिधि , चितकबरा वर्ण , देवता – इन्द्राणी, लिंग – स्त्री
शनि ( दास ) : दुःख का दाता , काला रंग , देवता – ब्रह्मा , लिंग – नपुंसक
मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला, वृश्चिक , धनु , मकर , कुम्भ , मीन , ये राशियाँ क्रमशः हैं
मेष : सिर