Lal Kitab ( लाल किताब )

Secret of Mantras and Tantras | Dus Mahavidya Mantra

लाल किताब के अनुसार ग्रहों का विभिन्न भावों में फल

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति लग्न में

शुभ – बुद्धिमान ,उच्च शिक्षित वकील -जज ,एकाउण्टेंट (सी ए ),डॉक्टर ,सम्पादक ,बुज़ुर्गों की जमीन -जायदाद पाने वाला,पिता की किस्मत को जगाने वाला ,बुढ़ापे में लोगो की भलाई /भक्ति में रूचि रहेगी

निशानियां -परिवार के सभी सदस्य पढ़े -लिखे होंगे ,सबके पास डिग्रियां -डिप्लोमा होंगे
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 6 ,7 ,10 ,12 आदि उपाय करें

अशुभ ( गुरु खराब होने के लक्षण ) – अनपढ़ या विद्या में 16 से 18 वर्षायु में रुकावट ,निन्दक ,रक्त विकार आदि रोगों से पीड़ित ,पिता के लिए अशुभ ,अनपढ़ होते हुए भी इज़्ज़त मान पाने वाला होता है ,अपनी किस्मत पर भरोसा रखने वाला होता है
निशानियां -बी ए (सरकारी डिग्री ) की विद्या अधूरी हो ,तो ऋण पितृ होगा
नोट -परिवार में जब कोई भी सदस्य बी ए (सरकारी डिग्री ) पास या कोई डिग्री लेगा ,तो ऋण पितृ टूट जाएगा और बृहस्पति अशुभ ना रहेगा
परहेज -दान न लें ,28 वर्षायु से पहले ,खासकर 24 या 27 वें वर्ष विवाह ना करें

उपाय -1 कपाल मोचन (जगाधरी ,हरियाणा ) या रामतीर्थ (अमृतसर ,पंजाब ) या पुष्कर (पुष्कर ,राजस्थान ) सरोवर में कार्तिका पूर्णिमा के दिन स्नान करें
2 ऋण पितृ का उपाय

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति द्वितीय में

शुभ -धनवान ,उच्चशिक्षित ,ससुराल सम्बन्ध से तरक्की पाने वाला ,इच्छापूर्ति के सभी साधन पाने वाला ,विद्या संस्थान से वजीफा पाने वाला ,धार्मिक कार्यों में रूचि रखने वाला ,मिट्टी के कामों से लाभ पाने वाला ,जातक को अपनी मौत का पहले पता चल जाएगा

निशानियां -जिसकी गाय राम चराये ,सब काम अपने आप बनेंगे ,परन्तु चिन्ता जरुर रहेगी
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 5 ,6 ,10 ,11 ,12 आदि उपाय करें

अशुभ ( गुरु खराब होने के लक्षण )-अपना परिवार तबाह करने वाला ,कैद -जुर्माना भोगने वाला ,माता -पिता को कष्ट देने वाला ,ससुराल पक्ष का विरोधी ,पत्नी की सेहत खराब ,गुरु घण्टाल ,नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाली कहावत जातक पर चरीतार्थ होगी,कुलनाशक ,दुखी ,चिंतायुक्त ,सुनार / सर्राफी के कामों से धनहानि होगी
निशानियां -जहां कदम रखा ,वहां पर फसल रबी रही ,न खरीफ (बुरी किस्मत वाला )
परहेज -पिता या कुलपुरोहित से झगड़ा न करें
उपाय -1. घर के सामने रास्ते में गड्ढे हो ,तो उनको मिट्टी आदि से भरवायें
2 . मकान में कच्चा फर्श रखें या पीले फूल गमलों में लगायें
3 .माथे प र केसर या हल्दी का तिलक करें

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति तृतीय में

शुभ -विद्वान और बुद्धिमान ,परिवार में साथ रहने वाला ,भाई -बहिन की सेवा करने वाला ,धनवान ,ससुराल के लिए शुभ ,यात्रा सम्बन्धी कार्यों में लाभ ,लेखक -सम्पादक ,विज्ञापन आदि के कार्यों से धन पाता है

निशानियां -घर की उत्तर -पूर्व दिशा में पीपल का वृक्ष ,धर्मस्थान ,कन्याओं ( 9 वर्ष से कम लड़कियों )का सम्बन्ध या लड़कियों का प्राइमरी स्कूल

बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 2 ,3 ,4 ,8 ,9 ,11 आदि उपाय करें
अशुभ -सन्तान से दुखी ,बुजुर्गो का अपमान करने वाला ,खुशामद करवाने से जातक की ताकत कम होगी ,मित्र मार करने वाला ,इच्छापूर्ति के लिए अच्छे -बुरे तरीके अपनाने वाला ,झगड़ालू ,लूटमार करके अमीर बनता हैं
निशानियां -घर में या घर के पास सूखा पीपल का वृक्ष या उजड़ा धर्मस्थान होगा
परहेज -पीपल का वृक्ष न काटें /न कटवायें
उपाय -1. माथे पर केसर या हल्दी का तिलक करें
2 . दुर्गा पूजन करें या कन्याओं को मीठा भोजन देकर आशीर्वाद लें

लाल किताब के अनुसार  बृहस्पति चतुर्थ भाव में

शुभ -उच्चशिक्षित ,मकान -वाहन से युक्त ,चौपाये रखने वाला ,जज -वकील ,राजा या राजा के समान ,वजीफा या लॉटरी की तरह धन या गढ़ा धन या निःसंतान का धन पाने वाला ,माता -पिता के लिए शुभ ,बुजुर्गी कारोबार करने से लाभ पाता है
निशानियां -किस्मत सोना देगी ,बाज -गरूड़ का साथ
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 5 ,6 ,10 ,11 ,12 आदि उपाय करें
अशुभ -अपनी बेड़ी आप डोब मल्लाह (अपने काम आप बिगाड़े ),नज़र कमजोर ,राजा होते हुए भी फकीरी लेगा ,वाहन दुर्घटना का भय ,परस्त्रीरत ,गृहस्थ सुख में कमी पाता है
निशानियां -निःसंतान व्यक्ति का साथ ,निर्धन होगा
परहेज -बच्चों के टूटे हुए या खराब खिलौने न रखें ,गिरेवान नंगा न रखें ,किसी के सामने न करें
उपाय -1. गोल गले की बनियान पहनें या टाई लगायें या बनियान के अन्दर की तरफ लाल रंग का चौरस निशान लगायें
2 . 10 दिन लगातार चलते पानी में करें
3 . धर्मस्थान में सिर झुकायें ,पूजा पाठ करें
4 .बुजुर्गों की सेवा करें ,कुल पुरोहित का आशीर्वाद ले
5 .पीपल का वृक्ष किसी पार्क में लगायें या पीपल के वृक्ष को पानी दें (रविवार का दिन छोड़कर )

लाल किताब के अनुसार  बृहस्पती पंचम भाव में

शुभ –
बृहस्पतिवार या शनिवार को पुत्र पैदा हो ,उसके बाद खूब तरक्की होगी ,बुद्धिमान ,सलाहकार ,प्रेम प्रणय में सफल ,फौजी ऑफिसर ,जुए या सट्टे के व्यापर में लाभ पाने वाला ,पिता से पोते तक सभी सुखी व धनवान होंगे
निशानियां -घर में धर्मस्थान ,ब्रह्मज्ञानी व्यक्ति का साथ होगा

बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 1 ,3 ,4 ,11 ,12 आदि उपाय करें

अशुभ -जीवन संघर्षमय होगा ,पुत्र से दुखी या नि:संतान ,मगर लड़कियां हो सकती हैं ,भिक्षा या मुफ्त का माल खाने से कफन के बगैर मरेगा या अन्तिम समय में भयंकर पीड़ा पाने वाला ,अन्त समय कोई पास सेवा करने वाला नहीं होता
निशानियां -नास्तिक ,नाव /स्टीमर /समुद्री जहाज़ का साथ
परहेज दान ,लंगर व धर्मस्थान का या मुफ्त का माल न लें
उपाय 1 . सिर पर चोटी रखें कमी 2 . बुजुर्गों या साधु की सेवा करें
3. 5 दिन धर्मशाला या धर्मस्थान की सीढियां साफ करें

लाल किताब के अनुसार  बृहस्पति षष्ठ भाव में

शुभ -बिना मांगे सब कुछ मिलेगा ,इज़्ज़त -मान पाने वाला ,मगर नकद धन की कमी रहेगी ,चाल चलन का नेक ,शत्रुओं को परास्त करने वाला ,नौकर -सेवकों से युक्त ,संतान से सुखी ,बड़े मामा -ताया के लिए भाग्यशाली होता है

निशानियां -उजड़ा हुआ धर्मस्थान ,मुर्गीखाना ,गरुड़
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 1 ,2 ,8 ,9 ,13 आदि उपाय करें

अशुभ -मांगे मिले न भीख ,अभागा ,34 वर्ष तक निर्धन ,तनाव से ग्रस्त ,हर समय घूमने वाला ,पिता के लिए कष्टकारी ,रोगी ,ननिहाल का नाश करने वाला होता है।

निशानियां -दमा का मरीज़ ,निर्धन होगा
परहेज -1. चने की दाल ,केसर और दूध धर्मस्थान में दें
2. संतान की सलाह लेकर हर काम करें
3. मुर्गों को मकई (अनाज )खिलायें
4 धर्मस्थान के पुजारी को सिले हुए वस्त्र दें
5. 3 कुत्तों को भोजन का हिस्सा खिलायें

लाल किताब के अनुसार  बृहस्पति सप्तम भाव में

शुभ -विवाह के बाद किस्मत चमकेगी ,भागीदारी के कामों से लाभ ,धार्मिक कार्यों में आगे रहने वाला ,ज्योतिषी ,कर्मकाण्डी या विद्वान पण्डित होगा ,अंत समय अपने घर पर होगा

निशानियां -ज्योतिष ,कर्मकाण्ड में रूचि ,धार्मिक पुस्तकों का सम्बन्ध
बृहस्पति की शुभता पढ़ाने हेतु 2 ,5 ,6 ,7 ,10 आदि उपाय करें

अशुभ -पुत्र की तरफ से परेशान -दुखी ,सुख में कमी ,अवारा घूमने वाला ,परस्त्रीरत ,चोर -ठग ,फिर भी बुरा हाल होगा (आर्थिक स्थिति में ),राजदरबार में मान हानि पाने वाला होता हैं

निशानियां -घर में रत्तियां (सुनार जिससे सोना तोला करते थे ) होंगी
परहेज -भगवे कपड़े वाले साधु से सम्बन्ध न रखें ,घर के मन्दिर में मूर्तियां ,ठाकुर आदि न रखें
उपाय -1 . रत्तियां (घर में हों ,तो ) सोने के साथ पीले कपड़े में बांधकर रखें
2 . वर्षा के समय बारिश में नहायें

लाल किताब के अनुसार  बृहस्पति अष्टम भाव में

शुभ -धनवान,किसी के अधीन न रहने वाला ,हर काम को गुप्त रखने वाला ,दुःखियों की सेवा करने वाला ,जंगल में मंगल करने वाला ,पत्नी के द्वारा या ससुराल पक्ष से धन पाता है ,परिवार में सबसे दीर्घायु वाला।
निशानियां – अफवाह ,दुनिया की आवाज ,फकीर का यज्ञ दान।
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 1 ,2 ,6 ,7 ,8 ,11 आदि उपाय करें।

अशुभ -दूसरों के धन का उपभोगी ,परस्त्रीरत ,आमदनी हेतु भी कर्जदार ,निर्धन ,डरपोक ,भला करने वाले का बुरा करेगा ,खून की कमी या
रक्तचाप का रोगी होता है।
निशानियां -फकीर की खोपड़ी ,आवारा साधु का प्याला।
परहेज -शरीर पर भभूति न लगायें ,साधु से सम्बन्द न रखें।

उपाय -1. शरीर पर शुद्ध सोना पहनें।
2 . दही,आलू ,कपूर आदि धर्मस्थान में दें।
3. मांगने वाले भिखारी के भिक्षापात्र में दान दें।

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति नवम भाव में

शुभ -राजा होते हुए भी योगी होगा ,कभी शाह (अमीर ),कभी मलंग (फकीर ),धार्मिक कार्यो में रुचि ,धर्मार्थ चीज़ें बनवाने वाला ,धर्म प्रचारक ,जौहरी -सुनार के काम करने से लाभ होगा ,सन्तान से सुखी ,लेखन -सम्पादन कार्यों में तरक्की ,यश -मान पाने वाला होता हैं।

निशानियां -बुजुर्गी मकान ,किस्मत को जगाने वाला ,माता -पिता का नाम रौशन करने वाला।
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 2 ,5 ,6 ,11 आदि उपाय करें करें।

अशुभ -निर्धन ,धर्म तक छोड़ देगा ,लेकिन किसी लालच के कारण नहीं ,स्वार्थी ,सन्तान से दुखी ,पिता का विरोधी या पिता से झगड़ा ,ससुराल की हानि करने वाला ,भाग्यहीन होता है।
निशानियां -किस्मत को डुबोने वाला ,सोना गिरवी रखे या बिक जाये ,उजड़ा धर्मस्थान ,गैस

परहेज -1. गंगा स्नान करें या गंगाजल का सेवन करें।
2. तीर्थयात्रा करें व दूसरों को करवायें।
. वचन /धर्म का पालन करें

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति दशम भाव में

शुभ -मेहनत और दस्तकारी के कामों से लाभ ,धर्मी हो ,तो दुःखिया गृहस्थी होगा ,जिस तरह चालाक और होशियार होगा ,सुखी होगा ,नौकर -सेवकों से युक्त ,मकान -वाहन वाला ,राजा या राजा के समान होता हैं।

निशानियां -की पीपल का वृक्ष,सबके साथ सच्चा प्यार करने वाला, विद्या पूर्ण सोने जैसी किस्मत।

बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 1 ,2 ,6 ,9 ,13 आदि उपाय करें
अशुभ -पिता के लिए अशुभ ,पिता से जुदाई/दूरी हो ,तो तरक्की में रूकावटें /परेशानियां रहेगीं ,जिसके साथ सम्बन्ध रखेगा ,उसकी हानि होगी ,नेकी करे -बदनामी पाये ,ख्वाब में महल बनाने वाला ,धर्म -मर्यादा का मालिक हो ,तो सभी इच्छाएं कफन में जाती होंगी।

निशानियां -सूखा पीपल का वृक्ष ,बीए (सरकारी डिग्री )पास न होगा ,सोने का नुकसान।

परहेज -नेकी और धर्म -कर्म न करें ,भिखारी को भोजन न खिलायें ,पीले वस्त्र या सोना न पहनें।

उपाय -1 . गुरु ,साधु की सेवा करें।
2 . पीपल के वृक्ष को पानी से सींचे (रविवार का दिन छोड़कर ) .
3 . मुंह -हाथ धोकर ,नाक साफ करके काम शुरू कर करें।
4. एक तांबे का पैसा 40 -43 दिन लगातार चलते पानी में बहायें।

लाल किताब के अनुसार  बृहस्पति एकादश भाव में

शुभ-जीवन में सभी सुख -सुविधाओं को पाने वाला ,राजदरबार से इज़्जत -मान पाने वाला ,नौकरों -सेवकों से युक्त ,मकान -वाहन से युक्त ,अकेला धर्मवीर (पुत्र )होता है।

निशानियां -मधुमक्खी का छत्ता ,मुर्गी के अण्डे ,गिलट घातु (खोटी चांदी )
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 5 ,6 ,7 ,8, 11 आदि उपाय करें

अशुभ -जन्म समय लखपति पिता जातक के लिए कुछ न छोड़ेगा,चाल -चलन गन्दा हो ,तो बरबादी होगी ,पत्नी को दुखी करने वाला ,संतान से दुखी ,बहिन ,बेटी ,बुआ से हानि पाने वाला ,बुढ़ापा कष्टमयी व्यतीत होगा ,परिवार बहुत बड़ा होगा ,मगर कफन पराया मिलेगा ,ऐसी आशंका हैं।
निशानियां -पूजा स्थान ,आसन ,किस्मत हार देने वाली।
परहेज -अण्डे न खायें ,लालची न बनें ,घर में मूर्तियां रखकर पूजा न करें।
उपाय -1. पीले रंग का रुमाल पास रखें।
2 .पिता का समान (चारपाई /पलंग ,वस्त्र ,सोना ,घड़ी आदि ) प्रयोग करें।
3. किसी लावारिस लाश का कफन दान दें।
4 . सूखे पीपल के वृक्ष को पानी डालें।
5 .श्मशान में कभी -कभी 2 तांबे के पैसे गिरायें।

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति द्वादश भाव में

शुभ -सन्तान सुख पाने वाला ,डॉक्टर /केमिस्ट ,पण्डित ,गुरु की तरह,कर्मकाण्डी ,जातक का आशीर्वाद लेने वाले को शुभ फल मिलेगा और सताने वाले की बरबादी होगी ,परोपकारी ,धन -दौलत का भण्डारी ,मगर माया का त्यागी होता हैं।
निशानियां -वायु ,आम दुनिया की सांस ,पीतल।
बृहस्पति की शुभता बढ़ाने हेतु 2 ,4 ,9 ,11 आदि उपाय करें

अशुभ -दुनिया के आगे हाथ फैलाने से खाक मिलेगी ,धर्म से दूर रहने वाला ,सन्तान से दुखी ,लोगो को धोका देने वाला ,बदनीयत ,जिगर (लिवर )का रोगी होता है।
निशानियां -झूठी गवाही न दें ,गबन और धोखा -फरेब न करें।

लाल किताब के अनुसार बृहस्पति को ठीक करने के उपाय ( गुरु ग्रह की शांति के उपाय )

1. गुरु ,साधु की सेवा करें
2 . पीपल के वृक्ष को पानी डालें (रविवार का दिन छोड़कर ).
३.मुंह -हाथ धोकर ,नाक साफ करके काम शुरू करें।
बृहस्पति के शुभाशुभ के आम उपाय
1 . बृहस्पतिवार का व्रत रखें।
2 . हरी पूजन करें या किसी पार्क आदि में पीपल का वृक्ष लगायें।
3 . श्री विष्णु भगवान् को नमस्कार करें।
4 . पुखराज पहनें या हल्दी की गट्ठी पीले रंग में बांधकर बायीं भुजा पर बांधे।
5 . चांदी की कटोरी में केसर या हल्दी तिलक कर माथे पर लगायें।
6 . शुद्ध सोना धारण करें (खासकर बृहस्पति षष्ठ भाव वाले जातक न करें ).
7. केसर माथे ,नाभि पर लगायें और खायें।
8 . ब्राह्मण ,कुल पुरोहित या साधु की सेवा करें।
9 . परिवार जन की मृत्यु हो।,तो गरुड़ पुराण करवायें।
10 . घर की दीवारों पर पीला रंग करवायें और पीले परदे आदि लगवायें।

11 . पीले फूल (गेंदा या सूरजमुखी ) आदि घर में लगायें
नोट -बृहस्पति उच्च हो ,तो उसकी चीज़ों का दान न दें। यदि -बृहस्पति नीच हो ,तो उसकी चीज़ों का दान न लें।
उपरोक्त उपाय 43 दिन या सप्ताह या मास लगातार करने चाहिए।

   शनि 

लाल किताब के अनुसार शनि लग्न में 

शुभ – त्रिलोकी का स्वामी,भगवान् की तरह पालने वाला ,जन्म के बाद पिता धनवान होगा ,सूर्य -शनि -मंगल से सम्बन्धित चीज़ो के व्यापर /नौकरी से लाभ ,राज्याधिकारी ,डॉक्टर /केमिस्ट ,दीर्घायु वाला होता है।

निशानियां -हल्क का कौवा (आवाज मधुर) आलीशान मकान।

शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 2 ,4 ,5 ,6 उपाय करें

अशुभ – जातक के माता -पिता उसके जन्म पर खुशी मनायेंगे ,तो राजदबार से कुर्की /नीलामी का हुक्म  होगा ,18 वर्षायु तक चोर -ठग ,झगड़ालू ,विद्या अधूरी या रुक -रूककर पूरी होगी ,सन्तान से दूखी ,आंख का रोगी ,बुजुर्गो की सम्पत्ति बरबाद करने वाला या घर से बेदखल होगा।

निशानियां – गन्दा कीड़ा ,आग से जलना।

परहेज

1. 101 दिन कच्चा दूध शरीर पर मलकर स्नान करें।

2. 60 ग्राम काला सुरमा वीरान जमीन में दबायें।

3. बन्दर की सेवा/पालना करें।

4. वट के वृक्ष को मीठा दूध डालें ,फिर उस दूध से नीचे की भीगी मिट्ठी का माथे पर तिलक करें।

5. घर के अंत में अंधेरी कोठरी बनायें ।

लाल किताब के अनुसार शनि द्वितीय भाव में

शुभ – धार्मिक कार्यों में रूचि रखने वाला,रहमदिल ,न्यायप्रिय ,देखने में ,मगर बुद्धिमान होगा ,वहनादि सुख के साधन मिलेंगे ,गुरु का सेवक ,नम्बरदार या परिवार में अग्रणी ,तम्बोला -जुआ खेलने वाला ,कोयला ,चमड़ा ,मशीनरी ,बने हुए मकानों का लाभ पाता है।

निशानियां – अच्छी किस्मत ,काले उड़द ,भगवान् को याद करने वाला।

शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 6 , 9 ,10 ,11 उपाय करे।

अशुभ – विद्या अधूरी ,परिश्रम के बाद भी धनलाभ न होगा ,सगाई के दिन से ससुराल पक्ष के लिए अशुभ (उनकी मकान ,मशीने और मोटर -लॉरियां बिकनी शुरू हो जायेंगी या उनको कारोबार माँ में नुकसान होगा ),मादक चीज़ों का सेवन करने वाला होता हैं।

निशानियां – धर्म मंदिर का सांप ,सांपों को मारने वाला और उनका ज़हर बेचने वाला ,कानी भैंस।

परहेज – माथे पर (तिलक की जगह ) सरसों का तेल न लागये लगायें, संन्यासी/वैरागी या एकान्तवासी न बनें।

उपाय -1. माथे पर दूध या दही का तिलक करें।
2. भूरी भैंस की सेवा / पालना करें।
3. नंगे पैर मन्दिर में जाकर भूल बख्शायें।
4. सांपों को दूध पिलायें।

लाल किताब के अनुसार शनि तृतीय भाव में

शुभ -दूसरों के काम बिगाड़े और आप सुख पाये ,धन होगा ,तो परिवार में सदस्यों की संख्या कम होगी ,अनजान व्यक्ति भी सहायता पर होंगे ,राज्याधिकारी ,शत्रुओं पर मौत की तरह छाया रहने वाला ,तेज नज़र ,भाई -बन्दु और मित्रों की सहायता करने वाला ,मकान -मशीनरी आदि के कामों से लाभ ,दीघार्यु पता हैं।

निशानियां – धन दौलत वाला ,आंखो का डॉक्टर।

शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 3 ,6 ,8 ,12 उपाए करें

अशुभ -बड़े भाई से झगड़ा ,छोटे भाई का सुख न पाये ,भाई -बन्धु और मित्रों से अपमानित या वह इसकी नेकी भूल जायेंगे ,चोर -ठग फिर भी मन्दा हाल ,झूठा ,दूसरे लोगों के काम बिगड़ने वाला ,नकद धन की कमी पाने वाला ,यात्रा में कष्ट हानि, कुत्ते के द्वारा काटने का भय रहता हैं।

निशानियां -घर में कीकर या बेरी का पेड़ ,निर्धन ,डाकू हो ,तो धन -दौलत को तरसे।

नोट -घर से बाहर काम पर जाते समय आगे से लकड़ी मिले ,तो अशुभ शगुन होगा।
मुख्या
परहेज -शराब -मांस -मछली का सेवन न करें ,घर की छत पर चौगाठ या ईधन आदि न रखें ,घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में न रखें ,घर के बाहर दरवाजे के साथ पत्थर न गढ़ा हुआ हो ,तो परिवार में लगातार तीन मौतें होंगी।

उपाय -1 . साले ,दोहते और दामाद की सेवा करें।

2 . मकान के आखिर में अंधेरी कोठरी बनायें।

3. तीन कुत्तों की सेवा /पालना करें।

4. आंखो की दवाइयां मुफ्त बाटें।

लाल किताब के अनुसार शनि चतुर्थ भाव में

शुभ – मकान-वाहन आदि के सुख के साधन मिलेंगे ,परिवार में डॉक्टर -केमिस्ट का सम्बन्ध ,गृहस्थी जीवन सुखी ,विदेश यात्रा से लाभ 3 -7 -14 वर्ष विदेश में रहने का योग या सफर से सम्बन्धित कारोबार करता हैं।

निशानियां – उच्च कोटि का डॉक्टर ,जायदाद अधिक।
शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 1 ,2 ,6 ,10 ,11 उपाय करें

अशुभ – दूसरों के धन को बरबाद करने वाला ,धन की कमी ,पैरालाइसिस या गुर्दे के रोग से पीड़ित ,मुफ्त या किराये के मकानों में रहने वाला ,शराबी -कबाबी ,परस्त्रीरत ,पत्नी सुख की चिंता या गृहस्थ बरबाद ,ननिहाल के लिए अशुभ ,माता या पिता की अल्पायु।

निशानियां -किराये के मकान में रहने वाला ,मकान में काले मोटे कीड़े ,सांप का तेल बेचने वाला ,नपुंसको का डॉक्टर।

परहेज – शराब न पीयें ,मांस -मछली का सेवन न करें ,मछली का शिकार /व्यापार न करें ,हरा रंग निषेध ,काले रंग का कपड़ा न पहनें ,रात के समय दूध न पियें।

नोट – शराब पीने से स्वास्थ्य खराब होगा ,स्वास्थ्य खराब के समय शराब /सरसों का तेल का सेवन करें। किसी योग्य डॉक्टर /वैद्य की सलाह लेकर।

उपाय -1. सांपों को दूध पिलायें।

2. कूएं में दूध डालें।

3. मछली ,भैस और कौवे को भोजन का हिस्सा खिलायें या मजदूर व्यक्ति की सेवा करें।

4 . 4 बोतल या 4 पाव शराब जल प्रवाह करें।

लाल किताब के अनुसार शनि पंचम भाव में

शुभ – भोला बादशाह ,अक्ल का अन्धा -गांठ का पूरा ,न्यायप्रिय(धर्म का देवता ),बुजुर्गों -बूढ़ों की संगत करने वाला ,फिल्म फोटोग्राफी के काम से लाभ ,गम्भीर प्रकृति वाला,संतानयुक्त ,विवाह विज्ञापन वाला या प्रेम विवह करता हैं।

निशानियां -मकान ,धनवान काला सुरमा।

शनि की शुभता बढ़ने हेतु 5 ,6 ,12 उपाय करें।

अशुभ – पेट खराब या पेट के ऑपरेशन आदि का भय ,अचानक दुर्घटनाएं घटेंगी ,दण्ड/जुर्माना पाने वाला ,फोज़दारी मुकदमा या राजदरबार से कैद ,विवाह एक से अधिक ,पहली पुत्र संतान नष्ट ,निःसंतान या बच्चा गोद लेने वाला ,चोर -ठग फिर भी बुरा हाल ,किस्मत साथ न देगी।

निशानियां -विवाह सात तक ,मगर संतान सुख को तरसे ,शरीर पर बाल अधिक होंगे।

परहेज़ -पुत्र के जन्म पर मिठाई न बांटे ,शराब-मांस -मछ्ली का सेवन न करें।

उपाय 1 . शुद्ध सोना ,केसर आदि पास रखें।

2. वट के वृक्ष को मीठा दूध डालें ,फिर उस दूध से नीचे की भीगी मिट्टी का माथे पर तिलक करें।

3 . चावल ,खाण्ड ,केसर हमेशा घर में रखें।

4. 43 बादाम मन्दिर ले जाकर वहां रखें , 43 बादाम वहा छोड़े और 43 घर पर लाकर सफेद कपड़े में बांधकर रखें।

5. सांपो को दूध पिलायें।
6. गुदा पर काला सुरमा लगायें। भूरी
7. घर में सौंफ जलायें
8. तीन काले -सफेद कुत्तों की सेवा /पालना करें।
9. चकोर पक्षी ,बन्दर ,भूरी भैंस की सेवा /पालना करें।

लाल किताब के अनुसार शनि पष्ठ भाव में

शुभ -धन दौलत की कमी न पाने वाला ,बहुत संतानयुक्त ,हर काम भेद छिपाकर करने वाला ,उच्च पदाधिकारी ,कानून विशेषज्ञ (वकील ,जज ),28 वर्षायु के बाद विवाह शुभ ,पुरानी चीज़ों (कबाड़ आदि )के काम से लाभ पाने वाला ,ज्योतिष और आयुर्वेद शास्त्र में रूचि होती हैं।

निशानियां – बुद्धिमान ,दस्तकार ,36 से 39 वर्षायु में मकान सुख मिलेगा। ,मुकदमे

शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 1 ,2 ,3 ,5 ,6 ,10 उपाय करें

अशुभ – शराबी -कबाबी ,गुर्दे या पथरी के रोग से पीड़ित ,ऑपरेशन का भय ,मुकदमे या पुलिस विभाग से परेशान /धनहानि ,पशुपालन -मुर्गी खाना के कामों में हानि ,ननिहाल के लिए अशुभ ,नौकर -सेवकों द्वारा हानि पाता है।

नोट – घर में दूध देने वाले पालतू पशु मरते जायें ,तो साथ में बकरी पालें।

निशानियां – पत्नी और सन्तान बरबाद।

परहेज – चमड़े का सामान गिफ्ट न लें ,धर्मस्थान में जूता चोरी न हो या जूता न बदले।

उपाय – 1. सांपों को दूध पिलायें।

2. एक नारियल ,100 ग्राम साबुत बादाम जल प्रवाह करें।

3. मिट्ठी के बर्तन में सरसों का तेल भरकर गन्दे पानी या जोहड़ के अन्दर दबायें।

4. मकान -मशीनरी के काम अमावस्या की रात को शुरू करें।

5. काले कुत्ते की सेवा /पालना करें।

लाल किताब के अनुसार शनि सप्तम भाव में

शुभ – हठधर्मी ,सुनने की आंखों देखने से बात समझने वाला ,36 से 39 वर्षायु में अत्यंत धनि ,राज्याधिकारी ,यात्रा से लाभ ,आंख की होशियारी से धन कमाये ,बुजुर्गो की जायदाद बेशक न मिले ,मगर जातक की आय लाखों-करोड़ों रुपये की होगी।

निशानियां -कपिला गाय ,सुरमा सफेद ,हुक्मरान।

शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 5 ,8 उपाय करें।

अशुभ -मकान बिक जाये (चाल -चलन खराब हो ,तो ),हथियार से भय ,सेहत खराब ,सन्तान से दुखी ,धोखेबाज ,चालबाज ,शीघ्र पतन का रोगी ,धन के लिए चोर-डाकू बने ,फिर भी निर्धन ,22 वर्षायु से पहले विवाह न करें ,तो आंखों की नजर खराब या अल्पायु का भय।

निशानियां -डॉक्टर -केमिस्ट होते हुए भी किस्मत साथ न देगी।

परहेज -हथियार पास न रखें ,बुजुर्गी मकान की दहलीज टूटी -फूटी या खराब न हो ,शराब मांस -मछली का सेवन न करें।

उपाय -1. बुजुर्गी मकान की दहलीज की पूजा करें।

2. मिट्टी का बर्तन शहद से भरकर वीराने में रखें

3. बांस की बंसुरी में चीनी भरकर वीराने में दबायें।

4. कपिला गाय की सेवा /पलना करें।

लाल किताब के अनुसार  शनि अष्टम भाव में

शुभ -लोहा-लकड़ी ,मकान-मशीनरी के कामों से लाभ ,अभिमानी ,खुद पसंदी रहेगी ,व्यापार -नौकरी से लाभ ,परदेस में जीवन व्यतीत करें ,नये विषयों की खोज करने वाला ,भागीदारी के काम से लाभ ,दीर्घायु वाला होता है।

नोट – शनि का फल इस भाव में शक्की (शुभ या अशुभ ) होगा।

निशानियां -छाती पर बाल न हों ,तो अमीर होगा।

शनि की शुभता बढ़ाने हेतु 3 ,6 ,8 ,10 ,11 उपाय करें।

अशुभ -गुलामी में जीवन बिताने वाला (छाती पर बाल अधिक हों , तो ) ,अपना मकान बनाये ,तो लम्बी बीमारियों से जूझना पड़ेगा , बुढ़ापे में आंखे खराब ,व्यापर में नौकरों द्वारा हानि ,शराबी-कबाबी हो ,तो मौत को अपने आप बुलाने वाला होगा।

निशानियां -हर वर्ष दुर्घटना ,घर में बिच्छु निकलते होंगे या मकान में दरारे दरारें होंगी।

परहेज -शराब -मछली का सेवन न करें ,कच्ची जमीन पर स्नान न करें।

नोट -कच्ची जमीन पर स्नान करते समय पांव के नीचे कोई -न -कोई चीज़ अवश्य रख लें।

उपाय -1. 4 ग्राम शुद्ध चांदी का चौरस टुकड़ा पास रखें।
2. पत्थर पर बैठकर दूध से स्नान करें।
3. आठ किलो काले उड़द जल प्रवाह करें।
4. सांपों को दूध पिलायें।